Sunday, 10 December 2017

कांग्रेसी नेताओं व पाक मंत्री की बैठक का सच सामने आए

पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी व मणिशंकर अय्यर
विगत 6 दिसंबर को कांग्रेस के निलंबित नेता व पूर्व मंत्री मणिशंकर अय्यर के निवास पर पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री खुर्शीद महमूद कसूरी, देश के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, पूर्व उपराष्ट्रपति हामि अंसारी व अन्य लोगों के बीच हुई बैठक पर रहस्य गहराता जा रहा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात चुनाव प्रचार के दौरान इसका न केवल जिक्र किया बल्कि कांग्रेस पार्टी से इसकी सच्चाई देश को बताने की भी मांग की। फिलहाल कांग्रेस इस मामले में मौन है परंतु देश जानना चाहता है कि आखिर इस बैठक में किस बात पर चर्चा हुई। बैठक पर रहस्य उस समय भी गहरा जाता है जब इसकी पूर्व सूचना विदेश मंत्रालय को नहीं दी गई।

बैठक में शामिल रहे पूर्व प्रधाानमंत्री वीपी सिंह के सूचना सलाहकार व पत्रकार प्रेम शंकर झा ने बीबीसी लंदन से बातचीत में बताया कि- इस बैठक में पूर्व उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह मौजूद थे। मैं चूंकि कश्मीर मसले पर लिखता रहा हूं और मणिशंकर अय्यर का मित्र भी हूं, इसलिए उन्होंने मुझे भी बुलाया था। इसकी जानकारी विदेश मंत्रालय को क्यों नहीं दी गई के जवाब में झा ने कहा कि इसकी कोई जरूरत ही नहीं थी। झा का दावा है कि कसूरी और अय्यर कॉलेज के दिनों के दोस्त हैं। पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री कसूरी की मौजूदगी पर उन्होंने कहा, वो भारत आते रहते हैं। दो साल पहले कसौली लिटरेचर फेस्टिवल में उनकी किताब का विमोचन हुआ था, तब भी आए थे।

अय्यर द्वारा दिए गए डिनर में शामिल हुए लोगों में पूर्व सेना प्रमुख दीपक कपूर, पूर्व विदेश मंत्री के. नटवर सिंह शामिल हुए। इसके अलावा पूर्व राजनयिकों में सलमान हैदर, टीसीए राघवन, शरत सभरवाल, के. शंकर बाजपेई और चिन्मय घरेखान भी रात्रिभोज में मौजूद रहे। बाजपेई, राघवन और सभरवाल ने पाकिस्तान स्थित भारतीय उच्चायोग में सेवाएं दी हैं। जनरल कपूर ने 'द इंडियन एक्सप्रेस' से बातचीत में इस तथ्य की पुष्टि की। 'द इंडियन एक्सप्रेस' ने डिनर में मौजूद लोगों में से मेजबान अय्यर के अलावा चार अन्य से संपर्क किया। अय्यर ने कहा कि यह-कसूरी जानने वालों या पाकिस्तान में कूटनय रहे लोगों का परस्पर मिलन था और इसका देश की राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। समाचारपत्र के साथ सिर्फ जनरल कपूर ने ऑन रिकॉर्ड बात की, अन्य ने कहा कि वे चुनाव के दौरान किसी राजनैतिक बहस में नहीं घसीटे जाना चाहते। हालांकि भोज में शामिल हुए लोगों ने इस बात पर जोर दिया कि यह एक निजी कार्यक्रम था, इस दौरान भारत-पाकिस्तान संबंधों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा हुई। एक मेहमान ने कहा, वहां करीब 20 लोग थे और हमने आतंकवाद, हाफिज सईद और कश्मीर वगैरह मुद्दों पर बात की।

यह अत्यंत गंभीर विषय है कि इस बैठक की पूर्व सूचना विदेश मंत्रालय को नहीं दी गई। पाकिस्तान जिसके साथ हमारे तनावग्रस्त संबंध हैं और जो जम्मू-कश्मीर में प्रत्यक्ष रूप से आतंकवाद को प्रोत्साहन दे रहा है उस देश के कोई पूर्व मंत्री भारतीय नेताओं से बैठक करते हैं और इसकी विदेश मंत्रालय को सूचना तक नहीं दी जाती इसे हल्के तरीके में नहीं लिया जा सकता। हालांकि प्रश्न विदेश मंत्रालय व गुप्तचर एजेंसियों पर भी उठते हैं कि उसे इसकी पूर्व सूचना क्यों नहीं रही? स. मनमोहन सिंह जिन्हें पूर्व प्रधानमंत्री होने के नाते कैबिनेट मंत्री का दर्जा भी प्राप्त है उन्होंने अपनी बैठक या भेंट को लेकर सरकार को सूचना क्यों नहीं दी?

प्रश्न यह भी पैदा होता है कि जब पाकिस्तान से कूटनयन विषयों पर भारत की लगभग सभी स्तर पर बातचीत बंद है तो कांग्रेस को एकाएक क्या जरूरत पड़ गई कि वहां के पूर्व विदेशमंत्री से कश्मीर व हाफिज सईद जैसे मुद्दों पर बात की जाए। आखिर इस बातचीत से क्या हल निकलने वाला था? मणिशंकर अय्यर ने इस बैठक को निजी कहा है परंतु क्या जिस बैठक में देश के पूर्व प्रधानमंत्री, पूर्व उपराष्ट्रपति, पाकिस्तान के पूर्व विदेश मंत्री मौजूद रहे हों वह निजी कैसे हो सकती है? देश में चल रहे चुनावी महौल के चलेत चाहे उक्त प्रश्न राजनीतिक मान लिए जाएं परंतु इनका देश की रक्षा व सामरिक से सीधा संबंध है।

बैठक के मेजबान मणिशंकर अय्यर पाकिस्तान को लेकर पहले भी विवाद पैदा होते रहे हैं। याद रहे कि पाकिस्तानी दौरे के दौरान वे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को हटाने के लिए पाकिस्तान से मिल कर प्रयास करने का विवादित ब्यान दे चुके हैं। बैठक के अगले ही दिन देश के प्रधानमंत्री के प्रति नीच जैसे अति असभ्य शब्द का प्रयोग बताता है कि बैठक में अवश्य ही ऐसी चर्चा हुई होगी जिसका प्रतिफल अगले दिन अय्यर के श्रीमुख से फूट पड़ा होगा। इस तरह के बहुत से प्रश्न देशवासियों को साल रहे हैं जिनका आज नहीं देर सवेर कांग्रेस को देना ही होगा। कांग्रेस इसे जितना लटकाएगी उतना ही विकृत रूप लेकर हर मोड़ पर पार्टी को भयाक्रांत करते रहेंगे।

- राकेश सैन
32, खण्डाला फार्मिंग कालोनी,
वीपीओ रंधावा मसंदा,
जालंधर।
मो. 097797-14324

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