आपस में सद्भावना रखकर समाज सब एक दूसरे का सम्मान करके चलें। परस्परम भाव यन्तं हम अपने अपने पथ पर प्रमाणिकता से चलें। तो प्रमाणिक लोगों में मत आड़े नहीं आते। प्रमाणिक लोगों में कुछ बात आड़े नहीं आती है। जो सही हैं उस पर सब चलते हैं। उनके मतों की आपस की चर्चा से एक सुन्दर संवाद बनता है। जैसे अपने उपनिषदों के संवाद हैं। तरह-तरह के मत हैं, सबका प्रतिपादन है। उसमें से एक सहमति निकलकर आती है। पढऩे के लिए, चिंतन के लिए और जीवन में उतारने के लिए भी अच्छा लगता है। क्योंकि सत्य है उस सत्य पथ पर चले हम सब ऐसा हमारा संस्कार हो, ऐसी हमारी आदत हो, ऐसी हमारी बुद्धि हो, ऐसा समाज उपदेश से नहीं, अपने स्वयं के जीवन से उदाहरण करने वाले कार्यकर्ता संघ तैयार करता है। यह हम सबके लिए हम सबका काम है और इसलिए मैं आपको आह्वान करता हूँ कि इस कार्य को प्रत्यक्ष देखिये। जो कुछ अभी तक मैंने अब तक कहा वो वास्तव मैं है कि नहीं इसका पड़ताल कीजिये और आपको लगा की ऐसा है तो ये सर्वहित का कार्य है इसमें आप भी सहभागी होइये। संघ को परखें अन्दर से परखें। आना-जाना अपनी मर्जी की बात है यहां पर, मनमर्जी का काम है सब आ सकते हैं सब परख सकते हैं और परखकर अपना भाव बना सकते हैं जैसा बनेगा वो बनेगा, हमको उसकी चिंता नहीं। हम क्या हैं हम जानते हैं, हम जो हैं वैसे दिखते हैं, हम जो हैं वही हम करते हैं। सबके प्रति सदभाव रखकर किसी का विरोध मन में ना रखकर हम अपने पथ पर दृढ़तापूर्वक आगे चल रहे हैं। लेकिन ये केवल हम करेंगे तो नहीं होगा पूरे समाज का ये काम है, सारे समाज को इस मार्ग को परखना चाहिए और अगर ठीक लगता है तो इसके सहयोगी बनना चाहिए। एक आह्वान मैं आपके सामने रखता हूँ।
- राकेश सैन
32, खण्डाला फार्मिंग कालोनी,
वीपीओ रंधावा मसंदा,
जालंधर।
मो. 097797-14324
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