अक्तूबर 2018 को रिपब्लिक टीवी ने अपने चैनल पर एक स्टिंग ऑपरेशन दिखाया है जिसमें आतंकी संगठन दल खालसा के लीडर ने दावा किया है कि उनके ग्रुप ने आम आदमी पार्टी के लिए पंजाब में कैम्पेनिंग की थी और साथ ही उनको फंडिंग भी की। ऑपरेशन ब्लू स्टार की बरसी 6 जून से दो दिन पहले 4 जून, 2018 को पंजाब पुलिस के हाथ बड़ी सफलता लगी थी। पुलिस ने नवांशहर में तीन आतंकियों को गिरफ्तार कर उनसे हथियार भी बरामद किए थे। इन आतंकियों का प्रतिबंधित आंतकवादी संगठन इंटरनेशनल सिख यूथ फैडरेशन से सीधा संबंध था। पुलिस सूत्रों के मुताबिक आतंकी संगठन को पाकिस्तान से समर्थन हासिल था। गिरफ्तार आतंकी जगरूप, गुरमेल और गुरदयाल सिंह से पूछताछ में खुलासा हुआ था कि देश की संप्रभुता और शांति को नुकसान पहुंचाने की उनकी बड़ी साजिश थी, लेकिन सबसे हैरत करने वाली बात इस नेटवर्क का मुखिया गुरदयाल सिंह का आम आदमी पार्टी से कनेक्शन होना था।
गिरफ्तार तीनों आतंकी पाकिस्तान के कनेक्शन में था और तीनों को आईएसआई ने प्रशिक्षण देकर पंजाब में आतंकवादी हमले करने तथा ‘पंथ विरोधी व्यक्तियों’ को निशाना बनाने का कार्य सौंपा गया था। इतना ही नहीं पाकिस्तान में मौजूद भगौड़े आतंकी लखबीर रोडे ने पंजाब से लगे प्रांतों में भी तबाही का संदेश दिया था। भारत में गुरदयाल सिंह इस आंतकवादी गिरोह का मुखिया था और जर्मनी के बलबीर सिंह संधू ने लखबीर सिंह रोडे से उसकी मुलाकात करवाई थी। रोडे इस समय लाहौर के छावनी क्षेत्र में आईएसआई द्वारा मुहैया करवाये गये सुरक्षित घर में रह रहा है। गुरदयाल 6-7 वर्षों से धार्मिक जत्थों के साथ पाकिस्तान की यात्रा करते समय कई बार रोडे को मिला था। गुरदयाल ने नवंबर, 2016 के अपने अंतिम पाकिस्तानी दौरे के दौरान जगरूप सिंह के लिए वीजे का प्रबंध किया और वह एक जत्थे के साथ लाहौर गया। 12 से 21 नवंबर, 2016 तक लाहौर में ठहरने के दौरान बलबीर सिंह द्वारा जगरूप ने रोडे एवं हरमीत से मुलाकात की थी। आतंकी गुरदयाल सिंह ने चुनावों में गढ़शंकर के गांव रोडमाजरा में ‘आप’ नेताओं के साथ प्रचार किया था और स्टेज साझा किया था। जब गुरदयाल सिंह को पकड़ा गया तो ‘आप’ के स्थानीय नेता उसकी पैरवी करने उसके समर्थन में पहुंचे थे।
26 मई 2017 को पंजाब में आतंकवाद का खात्मा करने वाले पूर्व डीजीपी ‘सुपरकॉप’ केपीएस गिल का निधन हो गया था। उनके निधन के बाद सभी पार्टियों के नेताओं ने उनको श्रद्धांजलि दी, लेकिन जिस एक पार्टी ने गिल को याद करने तक की जरूरत नहीं समझी वो थी आम आदमी पार्टी। केजरीवाल समेत आम आदमी पार्टी के किसी भी नेता ने न तो ट्विटर न ही किसी और जरिए से केपीएस गिल को श्रद्धांजलि दी। वरिष्ठ पत्रकार शेखर गुप्ता ने इसे लेकर सवाल भी उठाया है और इसका कारण पूछा था। उन्होंने लिखा था कि- बीजेपी और कांग्रेस ने केपीएस गिल को श्रद्धांजलि देने में कोई कसर नहीं छोड़ी। अकाली दल चुप रही यह बात समझ में आती है, लेकिन आम आदमी पार्टी के नेताओं ने अपने मुंह बंद क्यों कर रखे हैं ?
2017 के पंजाब चुनाव से ठीक पहले केपीएस गिल ने ही आम आदमी पार्टी और केजरीवाल की पोल खोली थी। उन्होंने कहा था कि अगर पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनी तो राज्य में आतंकवाद की वापसी से कोई नहीं रोक पाएगा। उन्होंने राज्य में अपने सूत्रों के हवाले से दावा किया था कि आम आदमी पार्टी और खालिस्तानी आतंकी संगठनों के बीच बेहद करीबी रिश्ते हैं। पंजाब में दोबारा मजबूत होने के लिए ये संगठन मौके की तलाश में हैं और आम आदमी पार्टी इसके लिए उनकी मददगार बनने को राजी हुई है।
एक और वाकया इसी से जुड़ा हुआ है। पंजाब चुनाव प्रचार के वक्त भी केजरीवाल हथियार डाल चुके एक आतंकवादी के घर पर रुके थे, जिसके बाद इसे लेकर काफी विवाद खड़ा हुआ था। चुनाव प्रचार से पहले फंड जुटाने के लिए आम आदमी पार्टी के कई नेता यूरोपीय देशों के दौरे पर गए थे। इनमें से कुछ की तस्वीरें सामने भी आई थीं। माना जा रहा है कि केजरीवाल की चुप्पी इसी कारण से थी। विगत विधानसभा चुनावों के दौरान 30 जनवरी, 2016 को अरविंद केजरीवाल खालिस्तान कमांडो फोर्स (केसीएफ) के पूर्व आतंकी गुरविंदर सिंह की कोठी में रात गुजारकर आरोपों में घिर गए थे। पुलिस रिकार्ड के अनुसार खालिस्तान कमांडो फोर्स का सक्रिय आतंकी रहा है। उसने हिंदू-सिख दंगे भडक़ाने के लिए मंदिरों में गायों की पूंछें काटकर फेंक दी थी। इस घटना के बाद मोगा सिटी पुलिस ने उसके खिलाफ 15 मई 2008 को धार्मिक भावनाओं को भडक़ाने का मामला दर्ज किया। गुरविंदर ने बाघापुराना में एक पुजारी की हत्या करने के साथ-साथ एक व्यक्ति की हत्या का प्रयास किया था। 9 जुलाई 1997 को थाना बाघापुराना पुलिस ने उसके खिलाफ हत्या और हत्या के प्रयास की धाराओं के तहत मामला दर्ज किया। इसके बाद उसने 20 दिसंबर 2011 को अमृतसर में एक व्यक्ति से मारपीट की, जिस पर अमृतसर सिटी पुलिस ने उसे नामजद किया। इसके अलावा भी वह विवादों में रहा। सुबूतों और गवाहों के अभाव में बाद में वह सभी मामलों में बरी हो गया और इंग्लैंड चला गया और वहीं से पंजाब में अपने साथियों के साथ विभिन्न गतिविधियों को अंजाम देता आ रहा है।
खालिस्तान के दुर्दांत आतंकी जरनैल सिंह भिंडरांवाले के साथ पोस्टर को लेकर भी विवादों में रहे हैं केजरीवाल। भिंडरांवाले का 12 फरवरी 2016 को जन्मदिन मनाया जाना था जिसको लेकर केजरीवाल की कथित अपील जारी की गई थी। बाद में पार्टी ने इससे पल्ला झाड़ लिया था।
Rakesh Sain
Jallandhar.
Mob 77106-55605
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