Sunday, 24 September 2017

रोहिंग्या मुसलमान-बेचारे या हत्यारे


अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी के आतंकी

अब आंखें खुल जानी चाहिएं। देश की तो पहले खुली थीं अब नेत्रजागरण होने जरूरी हैं उनके जो अभी तक देश में चोरों की भांति घुस रहे रोहिंग्याओं के दु:ख में अपनी आंखों से गंगा-जमना बहा पूरे देश को शोक स्नान करवाने की जिद्द पाले हुए थे। जो कभी देश के सर्वोच्च न्यायालय को लिखित में तो कभी टीवी चैनलों पर चीख-चीख पर देशवासियों को बता रहे थे कि म्यांमार से आरहे घुसपैठिए अत्याचार पीडि़त हैं, दुखी हैं, मुसीबत के मारे और बेचारे हैं परंतु अब यह दिन के उजाले की तरह साफ हो गया है कि ये बेचारे वास्तव में हत्यारे हैं।

म्यांमार की सेना ने रविवार,24 सितंबर को कहा है कि हिंसा प्रभावित राखिन प्रांत में उन्हें 28 हिन्दुओं की कबें्र मिली हैं। म्यांमार सेना के मुताबिक रोहिंग्या आतंकवादियों अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी ने इन हिन्दुओं की हत्या की है। जबर्दस्त हिंसा से प्रभावित राखिन प्रांत में 25 अगस्त से कानून व्यवस्था की स्थिति काफी बिगड़ी हुई है। म्यांमार के सेनाध्यक्ष की वेबसाइट पर जारी एक बयान में कहा गया है, 'सुरक्षा बलों ने 28 हिन्दुओं के मृत शरीरों को पाया है और उन्हें खोदकर निकाला है, इनकी अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी के बंगाली आतंकवादियों ने बेरहमी से हत्या कर दी थी।' बता दें कि 25 अगस्त को अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी (एआरएसए) द्वारा म्यांमार के पुलिसकर्मियों पर हमले के बाद इस इलाके में हिंसा भड़क उठी है। एआरएसए द्वारा हमले के बाद सेना ने इनके खिलाफ काफी हिंसक अभियान शुरू किया है।
म्यांमार सेना ने कहा है कि उन्हें सर्च ऑपरेशन के दौरान जिन 28 हिन्दुओं के शव मिले हैं उनमें 20 महिलाएं, 8 पुरुष शामिल हैं। मरने वालों में 6 बच्चे भी शामिल हैं इनकी उम्र 10 साल से कम है। म्यांमार सरकार के प्रवक्ता ज्वा हैते ने भी 28 लाशों के मिलने की पुष्टि की है। उत्तरी रखाइन प्रांत में एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने समाचार एजेंसी एएफपी को बताया कि आतंकवादियों ने एक गड्ढ़े में 10 से 15 लोगों को दफनाया है। सेनाध्यक्ष ने जिस गांव में हिन्दुओं की लाशें मिलने का दावा किया है उसका नाम ये बा क्या है। ये गांव उत्तरी रखाइन के खा मांग शेक इलाके के पास स्थित है। यहां हिन्दुओं और मुसलमानों की जनसंख्या रहती है। इस इलाके के हिन्दुओं का कहना है कि 25 अगस्त को अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी के आतंकवादियों ने यहां जमकर हिंसा की थी और कई लोगों की हत्या कर दी थी।

म्यांमार का वह स्थान जहां निर्दोष हिंदुओं की सामूहिक कब्र मिली
 रोहिंग्याओं के चरित्र पर तनिक भी विश्वास नहीं किया जा सकता। देश में रह रहे चालीस हजार रोहिंग्याओं को बाहर निकालने का सरकार का प्रयास देश हित में है और विश्वास किया जाना चाहिए कि इनके निष्कासन की कार्रवाई जल्द शुरू होगी। म्यांमार के रखाइन प्रांत में हिंदुओं के हुए नरसंहार पर भी विश्व समुदाय को वहां की सरकार पर दबाव बनाना चाहिए कि वह इसके जिम्मेवार लोगों को जल्द से जल्द कानून अनुसार सजा दिलवाए।

अब देश के उन बुद्धिजीवियों को क्या कहें जो इन हत्यारों को बेचारा बना कर पेश करते रहे हैं और इनके पक्ष में आवाज उठाते रहे हैं। रोहिंग्याओं का चरित्र संदिग्ध है और इनके आतंकियों के  साथ संबंध है इसके बारे सारी दुनिया जानती है। यहां तक वे भी जो भारत में इनके वकील हैं परंतु वे वकालत इसलिए करते हैं ताकि उनका छद्म धर्मनिरपेक्ष व्यवहार संदेह के घेरे में न आजाए। 
यह सभी जानते हैं कि रोहिंग्या लोग जब से म्यांमार गए हैं उन्होंने वहां की स्थानीय आबादी बौद्ध लोगों का जीवन नरक बना दिया। हिंसा, टकराव, तस्करी व देश तोडऩे की घटनाओं से परेशान बौद्ध लोग समय-समय पर इनके खिलाफ अपना रोष निकालते रहे हैं। रोहिंग्या मुसलमान म्यांमार के रखाइन प्रांत को देश से अलग करने का अभियान चलाए हुए हैं। अराकान रोहिंग्या साल्वेशन आर्मी के नाम से पाकिस्तान के कराची नगर से गया युवक इस आतंकी संगठन को चला रहा है। इन रोहिंग्याओं के आईएसआई से ही नहीं बल्कि लश्कर-ए-तयबा जैसे आतंकी संगठनों से भी संबंध हैं। भारत के बंगाल सहित अनेक हिस्सों में रोहिंग्या मुसलमान अपराधिक व आतंकी गतिविधियों में शामिल मिले हैं। इसके बावजूद कुछ भारत के ही लोगों इनके पक्ष में खड़े होना समझ से बाहर की बात है।
अब उक्त घटना से तो बिल्कुल साफ हो गया है कि रोहिंग्याओं के चरित्र पर तनिक भी विश्वास नहीं किया जा सकता। देश में रह रहे चालीस हजार रोहिंग्याओं को बाहर निकालने का सरकार का प्रयास देश हित में है और विश्वास किया जाना चाहिए कि इनके निष्कासन की कार्रवाई जल्द शुरू होगी। म्यांमार के रखाइन प्रांत में हिंदुओं के हुए नरसंहार पर भी विश्व समुदाय को वहां की सरकार पर दबाव बनाना चाहिए कि वह इसके जिम्मेवार लोगों को जल्द से जल्द कानून अनुसार सजा दिलवाए।

- राकेश सैन
मो. 097797-14324

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