Thursday, 9 November 2017

आईएसआई, आतंकी और गैंगस्टरों का नया गठजोड़



भारत में आतंकवाद फैलाने को लेकर पाकिस्तान की गुप्तचर एजेंसी इंटर सर्विस इंटेलिजेंस (आईएसआई) ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। आईएसआई अब अपने प्रशिक्षित आतंकियों के जरिए नहीं बल्कि हमारे ही उन युवाओं के जरिए आतंक फैलाने के प्रयास में है जो किसी कारण अपराध की दुनिया में कदम रख चुके हैं। उनकी नजरें पंजाब में फैले लगभग 500 उन युवाओं पर है जो किसी न किसी रूप से राज्य में नए-नए पैदा हुए गैंगों से जुड़े हैं। इन युवाओं को लामबंद कर रहे हैं युरोपीय देशों में बैठे खालिस्तानी अलगाववादी जो अपराध में धर्म का छोंक लगा कर मामले की गंभीरता को बढ़ा रहे हैं। इस बात का पटाक्षेप किसी और ने नहीं बल्कि खुद राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने किया है। आईएसआई की नई रणनीति उसके लिए ज्यादा कारगर, कम खर्चीली और बदनामी के खतरे से मुक्त साबित हो रही है। जल्द ही इस नई नीति की काट नहीं तलाशी गई तो आने वाला समय खतरनाक साबित हो सकता है और ऐसा समय आसकता है जब आतंकवाद के विरुद्ध लड़ाई में दोनों ओर से मरने वाले भारतीय होंगे और लक्ष्य पूर्ति होगी पाकिस्तान की, वह भी बिना किसी बदनामी के भय के।
पंजाब में पिछले लगभग डेढ़-दो वर्षों से एक वर्ग के लोगों की हत्याएं जारी हैं। इस शृंखला में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत सह-संघचालक ब्रिगेडियर जगदीश गगनेजा, संघ कार्यकर्ता रविंद्र गोसाईं, राष्ट्रीय सिख संगत के प्रदेश अध्यक्ष स. रुल्दा सिंह, कुछ स्थानीय हिंदू संगठनों के कार्यकर्ता अमित शर्मा, विपिन शर्मा, पादरी सुल्तान मसीह सहित लगभग एक दर्जन लोगों की हत्याएं की जा चुकी हैं। राज्य के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह व पंजाब पुलिस के महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने इन हत्याओं का पटाक्षेप करते हुए स्वीकार किया कि राज्य में हुई इन लक्षित हत्याओं के पीछे पाक की आईएसआई का हाथ था। इंग्लैंड से आतंकियों ने भाड़े के हत्यारों के जरिए ये कत्ल करवाए। पुलिस ने इन मामलों में 4 लोगों को संलिप्त पाया है, जिनमें से एक पहले से ही केंद्रीय जेल नाभा में बंद है।  

पुलिस के महानिदेशक सुरेश अरोड़ा ने बताया कि इंग्लैंड से आए जिम्मी जट्ट उसके साथी जगतार सिंह जौहल उर्फ जग्गी ने लुधियाना के गैंगस्टर गुगनी मेहरबान से मिलकर आईएसआई के इशारे पर सभी हत्याएं करवाईं। आईएसआई ने आर्थिक मदद भी दी। इंग्लैंड से जिम्मी जट्ट ने जम्मू के रास्ते हथियार उपलब्ध करवाए और नाभा जेल में बंद गैंगस्टर गुगनी मेहरबान ने हत्यारे उपलब्ध कराए। पहली हत्या जगदीश गगनेजा की हुई। फिर हिंदू संगठन के नेता अमित शर्मा, खन्ना में दुर्गा दास गुप्ता, आरएसएस कार्यकर्ता रविंदर गोसाईं, पास्टर सुल्तान मसीह और डेरा प्रेमी बाप-बेटे को मारा गया। 11महीने पहले ही पुलिस को पता चल गया था ब्रिगेडियर गगनेजा की हत्या के पीछे जिम्मी का हाथ है, बस उसके भारत लौटने का था इंतजार। बरगाड़ी (जिला फरीदकोट) में गुरु ग्रंथ साहिब के बेअदगी कांड में सीबीआई के मुख्य गवाह गुरदेव सिंह की जब गांव बुर्ज जवाहरसिंहवाला में 13 जून 2016 को हत्या की गई तो इस मामले में जांच के लिए डीआईजी रणबीर सिंह खटड़ा के नेतृत्व में विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया। एसआईटी के हाथ जम्मू के गाड़ीगड़ निवासी त्रिलोक सिंह लाडी लगा। लाडी से जब पूछताछ हुई तो पहली बार इंगलैंड में बैठे जिम्मी जट्ट का नाम सामने आया, जिसके कहने पर लाडी ने पंजाब के दो भाड़े के हत्यारों को हथियार उपलब्ध करवाए थे। पुलिस के सामने गगनेजा हत्याकांड पूरी तरह साफ हो गया, मगर हत्या करवाने वाला जिम्मी इंगलैंड में बैठा था और हत्यारे अज्ञात थे। जिम्मी को काबू करना था, इसलिए पूरा मामला गुप्त रखा गया। इस बात से अनजान जिम्मी इसी महीने जब इंगलैंड से भारत वापस लौटा तो उसे इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे दिल्ली से काबू कर लिया गया। इसके बाद जगतार सिंह जग्गी निवासी इंग्लैंड को काबू किया गया है। इनसे पूछताछ के बाद नाभा जेल में बंद गैंगस्टर गुगनी मेहरबान का नाम सामने आया। 

राज्य में गिरफ्तारियों व नए-नए खुलासों का क्रम जारी है परंतु इन सभी घटनाओं का सार संक्षेप एक ही है कि विदेशों में बैठे खालिस्तानी आतंकी व आईएसआई मिल कर पंजाब के अपराधी तत्वों का प्रयोग अपने घृणित उद्देश्यों की खातिर करना चाहते हैं। पिछली सदी के अंत में पंजाब में खालिस्तानी आतंकवाद लगभग समाप्त होने के बावजूद आईएसआई अपने यहां शरण लिए बब्बर खालसा, खालिस्तानी लिब्रेशन फोर्स जैसे आतंकी संगठनों के सरगनाओं के माध्यम से भारत में आतंकवाद फैलाने के प्रयास करती रही है। समय-समय पर होने वाली गिरफ्तारियां साक्षी हैं कि खालिस्तानी संगठन आईएसआई व हाफिज सईद के भरी दबाव में हैं। 

दूसरी ओर युरोपीय देशों में खालिस्तानी तत्व वहां मिल रही आंशिक राजनीतिक सफलता से उत्साहित और वे पंजाब में पुराने दिन लौटाने के प्रयास में हैं। इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। भड़काऊ सामग्री से युवाओं के मनों में विष घोला जा रहा है। पुलिस की नजरें एक हजार से भी अधिक सोशल मीडिया एकाउंट्स पर है जिनकी जांच जारी है। आशंका है कि जानकारी छिपा कर गलत नामों से इन सोशल मीडिया एकाउंट्स को चलाया जा रहा है। 

राज्य में हालात को नियंत्रण से बाहर होने देने से रोकने के लिए सरकार महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ आर्गेनाइज्ड क्राइम एक्ट (मकोका) की तर्ज पर पंजाब कंट्रोल ऑफ आर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट(पकोका) लाने की तैयारी में है। मुख्यमंत्री ने कहा है कि मसांत तक नया कानून अस्तित्व में आजाएगा। यह बताना रोचक है कि विगत अकाली दल बादल और भारतीय जनता पार्टी गठजोड़ की सरकार ने भी पकोक का प्रस्ताव किया था परंतु उस समय कांग्रेस अध्यक्ष कैप्टन अमरिंदर ने ही यह कह कर विरोध किया था कि इसका दुरुपयोग हो सकता है। अगर उस समय राजनीति न की गई होती तो आज शायद हालात इतने खराब नहीं होते जितने कि अब दिखाई दे रहे हैं। चलो देर आए दुरुस्त आए परंतु राज्य में बढ़ रही हिंसा व आतंक की आहट से निपटने के लिए नया कानून अपरिहार्य ही लगता है और विधानसभा में कांग्रेस का स्पष्ट बहुमत होने से इसके लागू होने में कोई संदेह भी नहीं है।

देश का सीमांत राज्य हिंसा और आतंकवाद के चलते एक बार फिर चर्चा में है और पाकिस्तान इस चिंगारी को सुलगाने के प्रयास में है। यह घटनाएं बताती हैं कि आईएसआई ने आतंकियों को प्रशिक्षित करने की बजाय अपराधी तत्वों को अपने उद्देश्यों की पूर्ति का साधन बनाना शुरु कर दिया है। सुपारी देकर हत्याएं करवाई जा रही हैं जो पाकिस्तान के लिए अपने आतंकी भेजने से सस्ती व अंतरराष्ट्रीय समाज में बदनामी के भय से सुरक्षित भी है। हमारी सरकारों के साथ-साथ गुप्तचर एजेंसियों, राजनीतिक दलों व समाज के संबंधित घटकों को सतत् जागरुकता बरतनी होगी।

- राकेश सैन
32, खण्डाला फार्मिंग कालोनी
वीपीओ रंधावा मसंदा,
जालंधर।
मो. 097797-14324

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