Sunday, 2 December 2018

सिद्धू की पोलिटिक्स, बंदर के हाथ में उस्तरा

चाणक्य ने कहा है कि बहुत ज्यादा बोलने वालों से दूर रहें क्योंकि वे बोलते हुए कभी भी आपका अहित कर सकते हैं। नवजोत सिंह सिद्धू को लेकर कांग्रेस शायद इस चेतावनी से अवगत नहीं थी और आज उसका खमियाजा भुगत रही दिख रही है। पंजाब विधानसभा चुनाव के दौरान सिद्धू द्वारा तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल व उनके पुत्र सुखबीर सिंह बादल सहित पूरे अकाली नेतृत्व पर आग उगलने पर ताली बजाने वाले पंजाब के कांग्रेसी आज बगलें झांक रहे हैं और सिद्धू की जुबान उनकी त्यौरियां चढ़ा रही हैं। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को अपना कैप्टन मानने से इंकार करके निकाय मंत्री नवजोत सिद्धू को अपनों के विरोध का सामना करना पड़ रहा है तथा उनके सहयोगियों ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। राज्य के ग्रामीण विकास एवं पंचायत मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने आज श्री सिद्धू के बयान पर नाराजगी जताते हुये कहा कि पाकिस्तान जाने को लेकर पहले तो श्री सिद्धू ने कहा था कि वो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के कहने पर पाकिस्तान गये थे। उसके बाद वे अपने बयान से मुकर गये और ट्वीट किया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं कहा तथा तथ्यों को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया। वह तो पाक प्रधानमंत्री इमरान खान के निजी बुलावे पर गये थे। श्री बाजवा ने कहा कि इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बारे में यहां तक कह दिया कि अमरिंदर मेरे कप्तान नहीं,मेरे कप्तान तो राहुल गांधी हैं। उनका बोलने का लहजा अपमानजनक है क्योंकि मुख्यमंत्री तो हमारे कप्तान हैं,बेशक उन्हें भी कप्तान तो श्री गांधी ने बनाया है, श्री गांधी तो हम सबके कप्तान हैं। पर हमें तो कैप्टन सिंह को ही अपना नेता तथा कप्तान मानना होगा। यदि वो मुख्यमंत्री को अपना नेता नहीं मानते तो वो मंत्री पद से इस्तीफा देकर श्री गांधी जहां उन्हें जो ड्यूटी देना चाहें वो करें। श्री बाजवा ने कहा कि ‘श्री सिद्धू मेरे छोटे भाई की तरह है तथा मैं उन्हें सलाह देना चाहता हूं कि वो बोलें कम काम ज्यादा करें। उनके बड़े सपने हैं,बहुत आगे जाना है और बहुत गुणी हैं लेकिन वो बोलने के गुण को लगाम कसें तथा काम पर ध्यान दें। हम सभी को अपने परिवार की भावनाओं तथा मान का भी ख्याल रखना चाहिये। कांग्रेस भी एक परिवार है।’ कांग्रेस के विधायक राजकुमार वेरका ने तो उनके अंदाज-ए-बयां पर कड़ी आपत्ति जताते हुये कहा कि ‘ये कमेडी शो नहीं है। भाषा पर संयम जरूरी है। यदि उन्हें कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ काम नहीं करना तो इस्तीफा दें।’
अपनी बेलगाम जुबान के कारण नवजोत सिंह सिद्धू केवल पंजाब कांग्रेस ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय स्तर पर भी सिरदर्दी बनते दिख रहे हैं। अभी हाल ही में वे छत्तीसगढ़ के राजगढ़ इलाके में चुनाव प्रचार के दौरान वहां की लड़कियों को लेकर अभद्र टिप्पणी कर चुके हैं जिसको लेकर स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई गई है। पाकिस्तान जाने को पहले कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी का आदेश और बाद में इमरान खान के बुलावे को कारण बताना कांग्रेस के लिए राष्ट्रीय स्तर पर भी भारी पड़ सकता है क्योंकि पाकिस्तान को लेकर देश की राजनीति काफी संजीदा रही है और वर्तमान में पांच राज्यों के चल रहे विधानसभा चुनावों के चलते हर शब्द का हर राजनीतिक दल अपने हिसाब से अर्थ करते हैं। पंजाब मंत्रिमंडल की 3 दिसंबर को बैठक बुलाई गई है जिसमें यह मुद्दा गर्म रहने की संभावना है। कैप्टन के अपमान पर मंत्रिमंडल में काफी आक्रोश पाया जा रहा है और सूत्र बताते हैं कि लगभग आठ से दस मंत्री सिद्धू की नई-नई राजनीतिक कलाबाजियों से गुस्से में हैं।


- राकेश सैन
32 खण्डाला फार्मिंग कालोनी
वीपीओ रंधावा मसंदा,
जालंधर

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